
1 अगस्त 1920: महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन
1 अगस्त 1920: महात्मा गांधी के नेतृत्व में हुई थी असहयोग आंदोलन ,1 अगस्त 1920 का दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जब महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन का शुभारंभ हुआ। इस आंदोलन ने भारतीय जनमानस को एकजुट किया और विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार, ब्रिटिश सेवाओं और औपनिवेशिक शासन के कानूनों का पालन न करने का आह्वान किया।
आंदोलन का उद्देश्य
असहयोग आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन को यह संदेश देना था कि भारतीय जनता उनके शोषण और अन्यायपूर्ण नीतियों से तंग आ चुकी है। महात्मा गांधी ने इसे अहिंसात्मक तरीके से संचालित करने का प्रण लिया था। उनका मानना था कि यदि भारतीय जनता एकजुट होकर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ असहयोग करेगी, तो ब्रिटिश शासन टिक नहीं पाएगा।
आंदोलन की शुरुआत और प्रभाव
असहयोग आंदोलन की शुरुआत पूरे भारत में हुई, लेकिन इसका शुभारंभ 1 अगस्त 1920 को महात्मा गांधी द्वारा की गई घोषणा के साथ हुआ। गांधी जी ने इस आंदोलन के तहत भारतीय जनता से विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करने, सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों का परित्याग करने, और ब्रिटिश शासन के कानूनों का पालन न करने का आह्वान किया। इस आंदोलन ने विशेष रूप से बंगाल, पंजाब, गुजरात, बिहार, और उत्तर प्रदेश जैसे प्रांतों में बहुत तेजी से लोकप्रियता हासिल की।
प्रभाव
स्कूल, कॉलेज और अदालतों का बहिष्कार भी किया गया। लोगों ने सरकारी नौकरियों से इस्तीफा देना शुरू कर दिया और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे।
असहयोग आंदोलन ने सभी वर्गों के लोगों को एकजुट किया। किसान, मजदूर, छात्र, शिक्षक, वकील और व्यापारी सभी इस आंदोलन में शामिल हो गए। महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने तरीके से योगदान दिया। इस आंदोलन ने भारतीय जनता को यह एहसास दिलाया कि वे एकजुट होकर ब्रिटिश शासन का सामना कर सकते हैं।
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असहयोग आंदोलन का अंत
महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया। इस घटना में हिंसा के कारण गांधी जी ने महसूस किया कि आंदोलन को अहिंसात्मक बनाए रखने में असफल हो सकते हैं।
लेकिन असहयोग आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। इसने भारतीय जनता में स्वतंत्रता के प्रति जागरूकता और आत्मविश्वास पैदा किया। इस आंदोलन ने यह साबित कर दिया कि भारतीय जनता ब्रिटिश शासन के खिलाफ एकजुट हो सकती है और अपनी आजादी के लिए लड़ सकती है।
असहयोग आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और भारतीय समाज को आत्मनिर्भर और जागरूक बनाया। महात्मा गांधी के नेतृत्व में इस आंदोलन ने भारतीय जनता को एकजुट किया और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने की शक्ति दी। यह आंदोलन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसे हम कभी नहीं भूल सकते।
1 अगस्त इतिहास के कुछ और घटनाये
संख्या | इस दिन का इतिहास | वर्ष |
1. | बंबई में न्याय प्रशासन | 1672 |
2. | कमला नेहरू की जयंती | 1899 |
3. | असहयोग आंदोलन की शुरुआत | 1920 |
4. | लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि | 1920 |
5. | महात्मा गांधी की कश्मीर की पहली और एकमात्र यात्रा | 1947 |
6. | सफदरजंग में राष्ट्रीयकृत एयरवेज का उद्घाटन | 1952 |
7. | देश की सभी एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण | 1953 |
8. | बंबई मर्ज्ड टेरिटरीज एंड एरियाज (जागीर उन्मूलन) अधिनियम | 1954 |
9. | भारत में राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट का स्थापना दिवस | 1957 |
10. | अर्जन सिंह को एयर मार्शल के रूप में वायुसेना प्रमुख का पद प्राप्त हुआ | 1964 |
11. | बेगम कुदसिया ऐजाज रसूल की पुण्यतिथि | 2001 |
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