वक़्फ़ बोर्ड अधिनियम बिल: क्यों इमाम कह रहे वक्फ से सरकार का कोई लेना-देना नहीं, जानिए एक्ट में संशोधन से क्या होगा बदलाव

वक़्फ़ बोर्ड का क्या है उद्देश्य ,कब हुआ है गठन

वक्फ बोर्ड के गठन के लिए 1954 नेहरू जी के शासनकाल में वक्फ एक्ट पास हुआ था जिसके बाद केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन 1964 में हुआ, जो अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन, एक सांविधिक निकाय है. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री होते हैं, जिन के पास वक्फ का प्रभार होता है और ऐसे सदस्यों की संख्या 20 से अधिक नहीं हो सकती जो कि भारत सरकार द्वारा नियुक्त किये जा सकते हैं. वक्फ बोर्ड के पास सेना और रेलवे के बाद देश में सबसे ज्यादा संपत्ति है. वक्फ बोर्ड का गठन इसलिए किया गया है, ताकि मुस्लिम समाज के लोगों का कल्याण हो और उनकी सामाजिक स्थिति को सुधारा जा सके,लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर इतनी संपत्ति के बाद भी क्यों मुस्लिम समाज आज तक सामाजिक रूप से इतना पिछड़ा है? वक्फ एक्ट में लाए जा रहे संशोधन और इसके कार्यों की जानकारी के लिए हमने कुछ विशेषज्ञों से बात की.

क्या है वक्फ बोर्ड

वक्फ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ठहरना या कायम रहना. वहीं विशेष अर्थ होता है अल्लाह के नाम पर दान की गई वस्तु यानी जिसका उद्देश्य परोपकार हो. वक्फ बोर्ड उन चीजों की निगरानी करता है जो अल्लाह के नाम पर दान की गई हो. वक्फ बोर्ड के पास असीमित अधिकार और संपत्ति हैं, जिसकी वजह से वक्फ बोर्ड हमेशा चर्चा में रहता है. वक्फ बोर्ड दान में मिली चल-अचल संपत्ति का सही इस्तेमाल हो इसकी व्यवस्था देखता है. इस्लाम के अनुसार वह इसके उपयोग भी करता है. जैसे मस्जिद बनवाना, शिक्षा की व्यवस्था करवान और अन्य धार्मिक काम करवाना.

1995 में लागू हुआ एक्ट

वक्फ अधिनियम 1995 में लागू किया गया था और यह वाकिफ द्वारा वक्फ के रूप में दान की गई और अधिसूचित संपत्तियों को नियंत्रित करता है।

वक्फ बोर्ड कई बार ऐसे दावे करता है, जिससे विवाद होता है। उदाहरण के लिए सितंबर 2022 में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने पूरे थिरुचेंदुरई गांव पर अपना हक होना का दावा किया, जहां सदियों से बहुसंख्यक हिंदू आबादी रहती थी।

Also Read1 अगस्त 1920: महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन ने विदेशी वस्त्रों और औपनिवेशिक कानूनों के खिलाफ उठाई आवाज

वक़्फ़ बोर्ड अधिनियम बिल

Waqf Board Amendment Bill : संसद के मानसून सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार सोमवार 5 अगस्त को एक बिल लेकर आ सकती है, जिसके जरिए वह वक्फ बोर्ड के अधिकारों में संशोधन करेगी. दो अगस्त को नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में 40 संशोधन किए और उसे मंजूरी दे दी है. वक्फ एक्ट में जो बदलाव लाने का प्रस्ताव है, अगर वे लागू हो जाते हैं तो वक्फ बोर्ड का स्वरूप और उसके अधिकारों पर काफी प्रभाव पड़ेगा और उसकी शक्तियां काफी सीमित हो जाएंगी.इस मुद्दे पर हमने कुछ प्रबुद्ध मुसलमानों से बात की, जिसमें यह बात सामने आई कि सरकार को बोर्ड पर से अपना नियंत्रण हटा लेना चाहिए

वक्फ बोर्ड में क्या हो सकते हैं बड़े बदलाव

नरेंद्र मोदी सरकार वक्फ एक्ट में संशोधन का जो बिल ला रही है, उसके कुछ प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हो सकते हैं-

1. अब वेरिफिकेशन से पहले कोई भी जमीन वक्फ की संपत्ति घोषित नहीं की जा सकती है.

2. बोर्ड की संरचना में बड़ा बदलाव होगा और इसमें महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी.

3. जिला मजिस्ट्रेट के जरिए वक्फ की संपत्ति पर निगरानी रखी जा सकती है.

नरेंद्र मोदी सरकार ये बड़े बदलाव वक्फ एक्ट में ला सकती है. 2013 में मनमोहन सिंह की सरकार ने वक्फ बोर्ड के अधिकारों को काफी मजबूती दी थी, जिसपर नरेंद्र मोदी सरकार की नजर दूसरे कार्यकाल के समय से ही थी.

विधेयक में इन बातों पर ध्यान

  • इस कानून के जरिए केंद्र सरकार बोर्ड की निरंकुशता को खत्म करना चाहता है।
  • विधेयक के जरिए बोर्ड में अधिक पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य सत्यापन शामिल है। महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए वक्फ बोर्डों की संरचना और कार्यप्रणाली में बदलाव करने के लिए धारा 9 और धारा 14 में संशोधन हो सकता है।
  • विवादों को सुलझाने के लिए वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई संपत्तियों का नए सिरे से सत्यापन किया जाएगा।
  • वक्फ संपत्तियों की निगरानी में मजिस्ट्रेट शामिल हो सकते हैं।

Waqf Act में बदलाव की तैयारी, बोर्ड की शक्तियां कम होंगी और महिलाओं के अधिकार बढ़ेंगे

Waqf Act amendment केंद्र सरकार जल्द ही वक्फ अधिनियम में बदलाव करने की तैयारी में है। सरकार बोर्ड की शक्तियों पर अंकुश लगाएगी और महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाएगी। इस विधेयक के तहत किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति कहने की इसकी अनियंत्रित शक्तियों में कटौती हो सकती है। विधेयक में वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधन प्रस्तावित किए जाने की संभावना है।

Waqf Act amendment केंद्र सरकार जल्द ही वक्फ अधिनियम में कई बड़े बदलाव कर सकती है। सरकार इसके लिए संसद में अगले हफ्ते एक विधेयक ला सकती है, जिसमें कई संशोधन हो सकते हैं। इसके तहत वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम किया जा सकता है।

महिलाओं को मिलेंगे हक

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, इस विधेयक (Modi govt on Waqf board) के तहत किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति कहने की इसकी ‘अनियंत्रित’ शक्तियों में कटौती हो सकती है और महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित हो सकता है।

मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने ही की बदलाव की मांग

सूत्रों के अनुसार, मौजूदा कानूनों को बदलने की मांग मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया और बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों की ओर से आई है। देश भर में वक्फ बोर्डों के तहत लगभग 8 लाख 70 हजार संपत्तियां हैं और इन संपत्तियों के अंतर्गत कुल भूमि लगभग 9 लाख 40 हजार एकड़ है।

Also Read  भारत का अंतरिक्ष में पहला कदम: SLV-3 और रोहिणी उपग्रह की ऐतिहासिक सफलता। ISRO का पहला कदम

इमाम डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी का क्या है वक़्फ़ बोर्ड अधिनियम बिल पर

Waqf Board News: केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन की योजना बनाने की खबरों को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. मीडिया में आई खबरों के अनुसार केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक ला सकती है. इस पर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा कि संशोधन प्रक्रिया का हिस्सा है जो समय-समय पर बदलो होता रहता है

क्फ की गरिमा को ठेस न पहुंचे..

उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट में पहले भी संशोधन किए गए हैं. इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि वक्फ की गरिमा को ठेस न पहुंचे. संशोधन करना समय की मांग है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. इस पर चर्चा होनी चाहिए. जब पिछली सरकारों के दौरान संशोधन किए गए थे तो असदुद्दीन ओवैसी या अन्य विपक्षी नेताओं ने क्या कहा था? विपक्ष को हर चीज पर विरोध नहीं करना चाहिए. इस पर राजनीति नहीं बल्कि चर्चा होनी चाहिए

 


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

3 thoughts on “वक़्फ़ बोर्ड अधिनियम बिल: क्यों इमाम कह रहे वक्फ से सरकार का कोई लेना-देना नहीं, जानिए एक्ट में संशोधन से क्या होगा बदलाव”

Comments are closed.

Scroll to Top

Discover more from

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading