
विश्व स्तनपान सप्ताह: 1 से 7 अगस्त
विश्व स्तनपान सप्ताह हर साल अगस्त के पहले सप्ताह में मनाया जाता है। यह अंतर्राष्ट्रीय अभियान 1992 में पहली बार मनाया गया था। इस सप्ताह का मुख्य उद्देश्य स्तनपान के महत्व को बढ़ावा देना और इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना है।
विश्व स्तनपान सप्ताह 2024: थीम
थीम: “अंतर को कम करना: सभी के लिए स्तनपान समर्थन”
इस साल के विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम “अंतर को कम करना: सभी के लिए स्तनपान समर्थन” (Closing the gap: Breastfeeding support for all) है।थीम के तहत, यूनिसेफ(UNICEF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) स्तनपान समर्थन में सुधार की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। यह महत्वपूर्ण कदम स्वास्थ्य असमानता को कम करने और माताओं और शिशुओं के जीवित रहने और फलने-फूलने के अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक है।इस थीम का उद्देश्य सभी माताओं और शिशुओं के लिए स्तनपान समर्थन में सुधार करके स्वास्थ्य असमानता को कम करना है।
प्रमुख उद्देश्य:
स्वास्थ्य असमानता को समाप्त करना:
सभी माताओं को समान रूप से स्तनपान का समर्थन प्राप्त हो।
समाज के सभी वर्गों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की समान पहुंच सुनिश्चित करना।
माताओं और शिशुओं के अधिकारों की रक्षा:
प्रत्येक माँ को स्तनपान के लिए आवश्यक जानकारी और समर्थन प्राप्त करने का अधिकार है।
शिशुओं को स्वस्थ जीवन के लिए माँ के दूध का लाभ उठाने का अधिकार है।
समुदाय और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का सहयोग:
स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को स्तनपान को बढ़ावा देने वाली नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करना चाहिए।
समुदायों को स्तनपान के समर्थन में जागरूकता फैलानी चाहिए और माताओं को सहायता प्रदान करनी चाहिए।
शिक्षा और प्रशिक्षण:
स्वास्थ्य पेशेवरों को स्तनपान के महत्व और समर्थन के बारे में सही जानकारी और प्रशिक्षण देना।
माताओं को सही सलाह और समर्थन देने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में स्तनपान काउंसलर की नियुक्ति करना
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इतिहास:
विश्व स्तनपान सप्ताह की शुरुआत 1992 में वर्ल्ड एलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (WABA) द्वारा की गई थी। यह संगठन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) के सहयोग से स्तनपान को बढ़ावा देने का काम करता है।
1979: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) ने पहली बार स्तनपान के महत्व को पहचानते हुए एक संयुक्त बैठक आयोजित की। इस बैठक में विशेषज्ञों ने स्तनपान के महत्व और इसके समर्थन के लिए वैश्विक नीतियों की आवश्यकता पर जोर दिया।
1981: WHO ने “इंटरनेशनल कोड ऑफ मार्केटिंग ऑफ ब्रेस्ट-मिल्क सब्स्टीट्यूट्स” को अपनाया। इस कोड का उद्देश्य स्तनपान को प्रोत्साहित करना और दूध के विकल्पों के अनुचित प्रचार-प्रसार को रोकना था।
1990: “इनोसेंटी डिक्लेरेशन” पारित हुआ, जो WHO और यूनिसेफ द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक लक्ष्यों की स्थापना की। इस घोषणा पत्र ने माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए स्तनपान को महत्वपूर्ण माना।
1991: WABA (वर्ल्ड एलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन) की स्थापना हुई। यह संगठन वैश्विक स्तनपान आंदोलन को समन्वित करने और समर्थन देने के लिए बनाया गया था।
1992: WABA ने पहली बार विश्व स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त) मनाने की शुरुआत की। इस सप्ताह का उद्देश्य स्तनपान के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समाज में स्तनपान को समर्थन देना था।
2002: WHO और यूनिसेफ ने “ग्लोबल स्ट्रेटेजी फॉर इंफेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग” जारी की। इस रणनीति का उद्देश्य बच्चों के लिए सबसे अच्छे पोषण का समर्थन करना और स्तनपान को बढ़ावा देना था।
2016: विश्व स्तनपान सप्ताह का थीम “स्तनपान: एक कुंजी के लिए सतत विकास” रखा गया, जो सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में स्तनपान की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।
वर्तमान: हर साल विश्व स्तनपान सप्ताह का एक विशेष थीम होता है, जो स्तनपान के विभिन्न पहलुओं और लाभों को दर्शाता है। इस सप्ताह के दौरान विभिन्न देशों में जागरूकता अभियानों, कार्यशालाओं, और सेमिनारों का आयोजन किया जाता है।
विश्व स्तनपान सप्ताह: 1 से 7 अगस्त
विश्व स्तनपान सप्ताह हर साल अगस्त के पहले सप्ताह में मनाया जाता है। यह अंतर्राष्ट्रीय अभियान 1992 में पहली बार मनाया गया था। इस सप्ताह का मुख्य उद्देश्य स्तनपान के महत्व को बढ़ावा देना और इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना है।
स्तनपान के लाभ:
- शिशु के लिए लाभपोषण: माँ का दूध शिशु के लिए सबसे पूर्ण आहार है, जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता: स्तनपान से शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वह विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रहता है। स्वास्थ्य: स्तनपान करने वाले शिशुओं में एलर्जी, मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है।
- माँ के लिए लाभ:स्वास्थ्य: स्तनपान करने वाली माताओं में स्तन और गर्भाशय के कैंसर का खतरा कम होता है। भावनात्मक बंधन: स्तनपान से माँ और शिशु के बीच भावनात्मक बंधन मजबूत होता है। वजन नियंत्रण: स्तनपान करने से माताओं का वजन जल्दी घटता है।
विश्व स्तनपान सप्ताह के उद्देश्य:
- जागरूकता बढ़ाना: लोगों को स्तनपान के लाभों के बारे में जानकारी देना।
- समर्थन प्रदान करना: स्तनपान कराने वाली माताओं को समर्थन और संसाधन प्रदान करना।
- नीतियों को प्रोत्साहन: सरकारों और संगठनों को स्तनपान को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों को लागू करने के लिए प्रेरित करना।
- शिक्षा: स्वास्थ्य पेशेवरों को स्तनपान के बारे में सही जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान करना।
विश्व स्तनपान सप्ताह की गतिविधियाँ:
- कार्यशालाएँ और सेमिनार: स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और सामुदायिक केंद्रों में स्तनपान के लाभों पर चर्चा और प्रशिक्षण।
- रैलियाँ और जागरूकता अभियान: सार्वजनिक स्थलों पर रैलियाँ और जागरूकता अभियानों का आयोजन।
- मीडिया अभियान: टीवी, रेडियो, और सोशल मीडिया के माध्यम से स्तनपान के लाभों को प्रचारित करना।
- समुदाय समर्थन समूह: माताओं के लिए स्तनपान सहायता समूहों का गठन और समर्थन।
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