संस्कृत भाषा, फोटोग्राफी की कला और मानवता की सेवा:भाषा, लेंस, और सेवा: संस्कृत, फोटोग्राफी और मानवता के तीन प्रतीक दिवस

विश्व संस्कृत दिवस(World Sanskrit Day)

विश्व संस्कृत दिवस हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो कि रक्षा बंधन के साथ आता है। इसकी शुरुआत 1969 में हुई थी। इस दिन का उद्देश्य संस्कृत भाषा के महत्व को बढ़ावा देना और इसके संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना है।श्रावण पूर्णिमा का दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल अलग-अलग हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर अगस्त महीने में पड़ता है।

संस्कृत भाषा, जो प्राचीन भारत की प्रमुख भाषा रही है, वेदों, उपनिषदों, पुराणों और महाकाव्यों जैसे महान ग्रंथों की भाषा है। इसे “देववाणी” (देवताओं की भाषा) भी कहा जाता है।विश्व की प्राचीन संस्कृत भाषा है

विश्व संस्कृत दिवस इस साल 19 अगस्त को हो गया।इसे भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना और इस प्राचीन भाषा को पुनर्जीवित करना था। इसे खास तौर पर शैक्षिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, और संस्कृत विद्वानों के बीच प्रमुखता से मनाया जाता है।

संस्कृत को भारतीय संस्कृति और सभ्यता की रीढ़ माना जाता है। यह भाषा न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में कई संस्कृतियों और भाषाओं पर गहरा प्रभाव डालती है। संस्कृत में लिखे गए ग्रंथों ने दर्शन, साहित्य, विज्ञान, गणित, और ज्योतिष जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

संस्कृत भाषा को पुनर्जीवित करने और आने वाली पीढ़ियों तक इसे पहुंचाने के लिए इस दिन को विशेष रूप से मनाया जाता है।

विश्व फोटोग्राफी दिवस(World Photography Day)

विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य फोटोग्राफी की कला, विज्ञान और इतिहास का जश्न मनाना और फोटोग्राफरों को उनकी उत्कृष्टता के लिए सम्मानित करना है। यह दिन सभी फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए अपनी क्रिएटिविटी और विचारों को साझा करने का एक मंच प्रदान करता है।इसकी शुरुआत 9 अगस्त 1839 में हुई थी।

दागुएरोटाइप का आविष्कार: विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास 19 अगस्त 1839 से जुड़ा है, जब फ्रांस सरकार ने “दागुएरोटाइप” प्रक्रिया को सार्वजनिक किया था। यह फोटोग्राफी की पहली व्यावहारिक प्रक्रिया थी, जिसे फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुई दागुएरे ने विकसित किया था। इस प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से फ्रांसीसी एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा मान्यता दी गई थी, और इसे “फोटोग्राफी के जन्म” के रूप में देखा जाता है।

विश्व फोटोग्राफी दिवस का औपचारिक स्थापना: 2009 में, ऑस्ट्रेलियाई फोटोग्राफर कॉर्स्को आरोन ने इस दिन को औपचारिक रूप से “विश्व फोटोग्राफी दिवस” के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया। इसके बाद से यह दिन फोटोग्राफी समुदाय में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त करने लगा और हर साल दुनिया भर में इसे मनाया जाने लगा।

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आयोजन और महत्व:

फोटोग्राफरों का सम्मान: इस दिन फोटोग्राफरों द्वारा उनकी कला और क्रिएटिविटी के लिए सराहना की जाती है। कई फोटोग्राफर अपने बेहतरीन शॉट्स और फोटोग्राफी तकनीकों को सोशल मीडिया और फोटोग्राफी प्लेटफॉर्म्स पर साझा करते हैं।

फोटोग्राफी प्रतियोगिताएं: इस दिन कई देशों में फोटोग्राफी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जहां फोटोग्राफर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं और पुरस्कार जीतते हैं।

फोटोग्राफी प्रदर्शनी: कई शहरों में फोटोग्राफी प्रदर्शनी आयोजित की जाती हैं, जहां लोग विभिन्न विषयों पर फोटोग्राफी का आनंद लेते हैं और उसकी सराहना करते हैं।

फोटोग्राफी वर्कशॉप्स: इस दिन कई वर्कशॉप्स और सेमिनार्स भी आयोजित किए जाते हैं, जहां उभरते फोटोग्राफरों को नए कौशल और तकनीक सीखने का मौका मिलता है।

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विश्व मानवतावादी दिवस (World Humanitarian Day)

विश्व मानवतावादी दिवस  हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन उन मानवतावादी कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने के लिए समर्पित है जो दुनिया भर में मानवता की सेवा में अपना जीवन समर्पित करते हैं, विशेष रूप से उन लोगों को जो संघर्ष क्षेत्रों और आपातकालीन परिस्थितियों में काम करते हैं। साथ ही, इस दिन का उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना और मानवता के प्रति उनकी संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है।इसकी शुरुआत 2003 में हुई थी।

विश्व मानवतावादी दिवस का इतिहास:

यूनाइटेड नेशंस के बगदाद मुख्यालय पर हमला: विश्व मानवतावादी दिवस की स्थापना 2003 में बगदाद, इराक में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय पर हुए हमले की स्मृति में की गई थी। इस हमले में संयुक्त राष्ट्र के 22 कर्मचारियों की मौत हो गई थी, जिनमें प्रमुख मानवतावादी कार्यकर्ता और संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो भी शामिल थे। इस हमले की वर्षगांठ पर, 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 अगस्त को “विश्व मानवतावादी दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

उद्देश्य और महत्व:

  • मानवतावादी कार्यकर्ताओं का सम्मान: इस दिन का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को सम्मानित करना है जो आपातकालीन परिस्थितियों, संघर्ष क्षेत्रों, और प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की मदद करते हैं। ये कार्यकर्ता अपनी जान की परवाह किए बिना जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए तत्पर रहते हैं।
  • जागरूकता और समर्थन: विश्व मानवतावादी दिवस का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि आम जनता में जागरूकता बढ़ाई जाए और मानवतावादी कार्यों के लिए समर्थन जुटाया जाए। इस दिन, वैश्विक समुदाय को मानवतावादी संकटों के बारे में जागरूक करने और उनके समाधान के लिए एकजुट करने का प्रयास किया जाता है।
  • विषयों पर ध्यान: हर साल विश्व मानवतावादी दिवस के लिए एक विशेष विषय चुना जाता है, जिसके माध्यम से मानवतावादी कार्यों के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। उदाहरण के लिए, 2020 में “रियल लाइफ हीरोज़” (Real Life Heroes) और 2021 में “द ह्यूमन रेस” (The Human Race) जैसे विषयों के तहत लोगों को प्रेरित किया गया था।

आयोजन और गतिविधियां:

  • समारोह और कार्यक्रम: इस दिन कई देशों में संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसमें मानवतावादी कार्यकर्ताओं के अनुभवों को साझा करने वाले सेमिनार, व्याख्यान, और चर्चाएं शामिल होती हैं।
  • सोशल मीडिया कैंपेन: सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से इस दिन के संदेश को फैलाने के लिए अभियान चलाए जाते हैं। लोग #WorldHumanitarianDay का उपयोग करके मानवतावादी कार्यों के प्रति अपनी एकजुटता और समर्थन व्यक्त करते हैं।
  • मानवता के प्रति योगदान: इस दिन, लोग अपने आस-पास के लोगों की मदद करने, दान देने, या मानवतावादी संगठनों के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लेते हैं। इसका उद्देश्य मानवता के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देना और एक बेहतर दुनिया के निर्माण में योगदान देना है।

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